
AKS University
AKS University, Satna M.P.
‘‘स्पीक आउट, क्रिऐट चेन्ज’’ थीम के साथ एकेएस के सभागार में ‘‘हीमोफिलिया डे’’ पर संगोष्ठी रखी गयी। ‘‘वल्र्ड फेडरेशन आॅफ हीमोफिलिया जागरूकता दिवस’’ के अवसर पर कार्यक्रम रखकर फार्मेसी विभाग द्वारा विद्यार्थियों को दिवस से जुडी रोचक और महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ तकनीक और मशीनों के बारे में भी जानकारी दी गई। इस मौके पर यूनिवर्सिटी के सभागार में फार्मेसी प्राचार्य सूर्य प्रकाश गुप्ता ने विद्यार्थियों को हीमोफिलिया के प्रकार, फ्रैन्क शेबेल की याद में मनाये जाने के कारण, हीमोफिलिया के लक्षण, हीमोफिलिया से बचाव के उपाय और विभिन्न फलों एवं सब्जियों के बारे में बताया जिससे रक्ताल्पता में लाभ मिलता है। फार्मेसी विभाग के सभी सेमेस्टर के विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए फार्मेसी प्राचार्य ने बताया कि ‘‘क्लाॅटिंग फैक्टर’’ बढ़ाने के लिए पालक, मेथी, गाजर के साथ सभी हरी सब्जियों का सेवन जरूरी है। उन्होंने बताया कि यह दिवस 1989 से मनाया जा रहा हैं। हीमोफिलिया के दो टाईप होते हैः- ए-काॅमन और बी-रेयर। सभागार में उपस्थित फार्मेसी के विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर भी फार्मेसी प्राचार्य ने दिये। इस मौके पर फार्मेसी विभाग के सभी फैकल्टीज एवं छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहें।
‘‘वल्र्ड फेडरेशन आॅफ हीमोफिलिया जागरूकता दिवस’’ 1989 से मनाया जा रहा हैं। यह दिवस फ्रैन्क शेबेल की याद में मनाया जाता है। हीमोफिलिया (रक्ताल्पता) की स्थिति है। यह अनुवांशिक बीमारी होती है। यह बाद में भी हो सकती है। यूनाईटेड स्टेट्स के सर्वे के अनुसार यह बीमारी 1 हजार लोगों में से एक व्यक्ति में पाई जाती है। हीमोफिलिया से ग्रसित व्यक्ति की कटने या चोट लगने पर ब्लीडिंग मुश्किल से रूकती है। नई तकनीक और मशीनों से इसके बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। ‘‘वल्र्ड हीमोफिलिया डे’’ के अवसर पर संगोष्ठी रखकर विद्यार्थियों को हीमोफिलिया के विषय मंे विस्तार से जानकारी दी जाएगी।‘‘वल्र्ड हीमोफिलिया डे’’ मनाने का उद्येश्य यह है कि अधिकतम लोगों तक इस बात की जागरुकता फैलाई जा सके कि इसके कारण, निवारण और सावधानियों से छात्रों को परिचित करवाया जा सके। विषय पर जानकारी देने हेतु विषय विशेषज्ञ 17 अप्रैल ‘‘वल्र्ड हीमोफिलिया डे’’ के अवसर पर उपस्थित रहेंगे। इस बात की जानकारी विश्वविद्यालय प्रबंधन ने दी।
विंध्य क्षेत्र के शैक्षणिक गौरव एकेएस विश्वविद्यालय मैकेनिकल इजी. (डिप्लोमा) विभाग के विद्यार्थियों ने ‘‘आॅन-हैन्डस प्रैक्टिकल टेªनिंग’’ के लिए दक्ष फैकल्टी वरूण शंकर गुप्ता के साथ गियर टेक्नालाॅजी में गुणवत्तापूर्ण एवं ज्ञानवर्धक प्रैक्टिकल किये इस दौरान विद्यार्थियों ने मशीन डिजायन एवं मशीन ड्राइंग भी किये। मैकेनिकल इजी. (डिप्लोमा) के 45विद्यार्थी प्रैक्टिकल के दौरान उपस्थित रहें।
“सस्टेनेबल डवलेपमेंट इन मिनिरल एंड अर्थ रिर्सोसेस ” विषय पर सेमीनार
सतना। सेमीनार के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए एकेएस यूनिवर्सिटी के माइनिंग डीन ने बताया कि सेमीनार के आर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री प्रोफेसर एस. जयन्तु ,एन.आई.टी. रूड़की होगे। इस सेमीनार की थीम ‘‘जियोलाॅजी, मिनिरल रिर्सोसेस, एग्रीकल्चर इनोवेशन, न्यू टेक्नालाॅजी और एनर्जी कनजर्वेशन ’’होगी। सेमीनार में प्रमुख रूप से माइनिंग क्षेत्र के मुद्दों और प्रमुख समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। ये मेगा सेमीनार जून में रखा जाएगा। सेमिनार मे वृहद कार्यक्रम पर चर्चा हेतु एकेएस यूनिवर्सिटी के सभागार मे महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई ।
रोबोकप - 2014 में पाया दूसरा स्थान
एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के पांच प्रतिभाशाली युवा इंजीनियर्स विद्यार्थियों ने तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में भारत के प्रख्यात संस्थान आई.आई.टी. खड़गपुर में 5 से 9 अप्रैल तक आयोजित ‘‘रोबोकप - 2014’’ प्रतियोगिता में भाग लिया। जिसमें विद्यार्थियों ने पूरे भारतवर्ष से द्वितीय विजेता के रूप में स्थान प्राप्त किया। विद्यार्थियों को पुरूस्कार स्वरूप 15 हजार रुपये नगद राशि एवं प्रशस्ति - पत्र प्रदान किया गया।
गौरतलब है कि ‘‘रोबोकप-2014’’ में पूरे भारतवर्ष से विभिन्न प्रख्यात संस्थानों की 32 टीमों ने हिस्सा लिया। जिसमें मध्यप्रदेश से एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना एवं आई.पी.एस. एकेडेमी इन्द्रौर के विद्यार्थियों ने अपनी उपस्थति दर्ज कराई। रोबोकप - 2014 में एकेएस के प्रतिभावान युवा इंजीनियर्स सचिन्द्र शुक्ला, शिवम त्रिपाठी, अफरीन खान, अंकित सोनी, अभिषेक पयासी ने अपने तकनीकी कौशल का परिचय देते हुए आरडिनों प्रोग्रामिंग का प्रयोग किया एवं अपने रोबोट को एक तय पाथ में फालो कराया। प्रोग्रामिंग की एक्यूरेसी का ध्यान रखते हुए इन्होंने रोबोट को 1.35 मिनट में बिना रूके पाथ पूरा करवाया। जिसमें इन्हें 510 में से 470 अंक अर्जित कियेे। निर्णायक टीम में आई.आई.टी. खड़गपुर के प्रोफेसर्स के साथ बाइब्रेन्ट टेक्नालाॅजी के मैनेजिंग डायरेक्टर्स भी शामिल थे। छात्रों की इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने बंधाई दी।
ए.के.एस यूनिवर्सिटी, सतना के विद्यार्थी ने 10000 विद्यार्थीयो के बीच अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए इंडियन आयल की नेषनल लेवल एज्केषनल स्कालरषिप प्राप्त की है।सौरभ सिहं को 36000 रूपये प्रतिवर्श इंडियन आयल की तरफ से प्रदान किये जायेगे। उनकी इस उपलब्धि पर विष्वविद्यालय प्रबन्धन ने बधाई दी है।
एकेएस यूनिवर्सिटी मेे सभा
समाजिक सोद्येष्सता की दिषा में हमेषा तत्पर ऐ के एस के सभागार में सभी मतदान करें जिससे मजबूत सरकार का निर्माण हो सके और देष तरक्की की राह मे आगे बढे। इस विशय पर सभागार में सभी फैक्लटीज की बैठक आहूत की गई है। बैठक में सौ फीसदी मतदान करने की चर्चा की गई।
एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के सभागार में ‘‘वल्र्ड हेल्थ डे’’ पर फार्मेसी विभाग द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर फार्मेसी े डीन डाॅ. आर.पी.एस. धाकरे ने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों को अपने स्वास्थ को प्राथमिकता देते हुए अपने खान-पान का ख्याल रखने की सलाह दी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित एकेएस यूनिवर्सिटी के प्रतिकुलपति प्रो. भूषण दीवान ने छात्र-छात्रओं को स्वास्थ सम्बन्धी ज्ञानवर्धक जानकारियां दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता ओ.एस.डी. आर.एन. त्रिपाठी ने की, विभागाध्यक्ष सूर्य प्रकाश गुप्ता ने विद्यार्थियों को स्वास्थ सम्बन्धी समस्याओं एवं उनके निदान संबधी विभिन्न विस्तृत एवं गहन जानकारियां दी, कि विद्यार्थी जीवन में आप कुछ संकल्प लेकर कैसे जीवनभर स्वास्थ रह सकते हैं। कार्यक्रम को विद्यार्थियों ने रुचि पूर्वक सुना। इस अवसर पर एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के समस्त विभागों के विभागाध्यक्ष, फैकल्टीज एवं छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहें।
माइनिंग डीन डाॅ जी के प्रधान ने की कार्यक्रम मे शिरकत्
एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के माइनिंग डीन डाॅ जी के प्रधान ने ओड़ीसा स्कूल आफ माइन्स माइनिंग इंजीनियरिंग (आंे.एस.एम.ई) 58वें वार्षिक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया । गौरतलब है कि उड़ीसा के क्योंझार स्थित प्राचीनतम माइनिंग इस्ट्टियूट की विजिट के दौरान एकेएस यूनिवर्सिटी सतना वा उड़ीसा स्कूल आफ माइन्स माइनिंग इंजीनियरिंग के बीच इस बात को लेकर चर्चा हुई कि माइनिंग के क्षेत्र में ”शेयरिंग आफ नालेज“ की दिशा मे एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के विद्यार्थी प्रायोगिक कार्य के लिये उड़ीसा क्योंझार जिले कि इस माइन्स का भ्रमण कर सकेगें विद्यार्थियों में प्रायोगिक ज्ञान उन्नत करने के लिये यूनिवर्सिटी के विभिन्न संकायो के विद्यार्थी नियमतः संबधित क्षेत्रो की विजिट करते है। और ”आन हैण्ड्स प्रैक्टिकल्स“ के माध्यम से विषय मे सरलीकरण एवं स्किल्स मे दक्षता प्राप्त करते हैं।
एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के एमएसडब्ल्यू विभाग के विद्यार्थियों ने ग्राम सगमनिया एवं उसके आसपास के ग्रामों में बृजेन्द्र सिंह द्वारा संचालित तथा बिड़ला विकास द्वारा प्रदान सी.एस.आर. के तहत स्वसहायता समूहों का विस्तृत रूप से अवलोकन किया। अध्ययन के प्रथम दौर में छात्रों के समूह ने शिक्षा ग्रामीण विकास संस्थान के कार्यालय में संस्था के संचालक बृजेन्द्र सिंह तथा बिड़ला विकास में सीएसआर विभाग का भ्रमण किया। बृजेन्द्र सिंह राठौर तथा आशीष तिवारी ने छात्रों को सम्पूर्ण आधारभूत जानकारियां प्रदान कर उनकी उत्सुकता दूर की। अगले चरण में छात्रों ने पास के ग्रामों में स्वसहायता समूहों का अवलोकन किया जिससे उनके द्वारा अगरबत्ती बनाने की गतिविधियों का अवलोकन किया गया । छात्राओं के साथ प्राध्यापक भावना मिश्रा ने अगरबत्ती निर्मित कर व्यवहारिक स्वरूप को जाना। छात्रों ने स्वसहायता समूह के निर्माण व संचालन की भी जानकारी ली। उपरोक्त कार्यक्रम का निर्देशन प्रो. राजीव सोनी एवं भावना मिश्रा ने किया। छात्र समूह में रुचि जैन, रितिका बागची, राजकुमार चैधरी इत्यादि शामिल रहे।