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एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के सभागार में आयोजित ‘‘आध्यात्मिक प्रबोधन कार्यक्रम’’ के प्रमुख वक्ता आध्यात्मिक विद्वान, न्यायाधीश अरूण कुमार ने अपने उद्बोधन में सफलता के आध्यात्मिक सूत्र पर व्याख्या करते हुए बताया कि श्रीमद् भगवदगीता में दिये गए सफलता के पंच सूत्र जैस - निष्काम कर्मयोग, अहंकार का त्याग, लोक संग्रह यानी संसार में आचरण के द्वारा उदाहरण प्रस्तुत करना, सर्मपण व भक्ति तथा ज्ञान कर्म व भक्ति का समन्वय की व्याख्या करते हुए बताया कि हमे ंएकाग्रता बढ़ाने के लिए मेडीटेशन व लक्ष्य के प्रति जागृति बनाये रखना आवश्यक है। किसी भी कार्य की सर्वोत्तम परिणिति ईश्वर को समर्पण और अपने कर्म के प्रति सजगता के साथ-साथ राम नाम व राम सेवा ही व्यक्ति के जीवन के लिए सर्वोत्तम है ऋगु वेद का सूत्र आत्मने मोक्षार्थ जगत कल्याणय च के अनुसार आत्म कल्याण व जगत कल्याण एक दूसरे के पूरक होते हैं विद्वान, न्यायाधीश ने उपस्थित छात्रों को बताया कि लक्ष्य व निर्विकार सफलता हनुमान जी के मार्ग में चलकर दृढ़ विश्वास, विचार एवं वैराग्य वृत्ति के साथ सांसारिक बाधाओं से बचते हुए अभिमान मुक्त होकर सहज सरल रूप से प्राप्त होती है, इसके पश्चात् जीवन का उद्देश्य पूर्ण होकर सांसारिक सुख के साथ भगवत् सत्ता की प्राप्ति होती है। कार्यक्रम में आध्यात्मिक उद्बोधन के पूर्व के0के0 शुक्ला सामाजिक न्याय विभाग सतना के निर्देशन में आए हुए सितार कलाकारों ने भक्ति संगीतमयी सुमधुर भजन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति पी0के0 बनिक, चेयरमैन अनंत कुमार सोनी,डाॅ.हर्षवर्धन श्रीवास्तव,आर0एन0त्रिपाठी,एम0के0 पाण्डेय, डायरेक्टर अवनीश सोनी के साथ-साथ विश्वविद्यालय के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।