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एकेएस विश्वविद्यालय के बायोटेक विभाग द्वारा आयोजित सात दिवसीय कार्यशाला के तकनीकी सत्र् में भारतवर्ष के उत्कृष्ट शिक्षण एवं शोध संस्थानों से आए हुए वैज्ञानिकों ने सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किया। प्रयोगशाला के तकनीकी सत्र् के चैथे दिन 3 बी ब्लेक बाॅयोटेक इंडिया लिमिटेड के रिसर्च एंड डेवलेपमेंट डिवीजन के प्रमुख डाॅ. अखिलेश रावत ने क्षय रोग के माॅलिक्यूलर डायग्नोसिस में उपयोग की जाने वाली तकनीकियों के विषय में विस्तार से चर्चा की।बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय,भोपाल के जैव प्रौद्योगिकी एवं जैव सूचना विभाग में सूचना अधिकारी पद पर कार्यरत् डाॅ. किशोर सिन्दे ने जैव सूचना विज्ञान की आधारभूत तकनीकियों एवं अनुप्रयोगों के सम्बन्ध में अपने विचार प्रस्तुत करते हुए जीनोमिक्स और जीनोम एनालिसिस के विभिन्न पहलूओं से अवगत कराया एवं प्रयोगशाला सत्र् में विभिन्न टूल्स एवं साफ्टवेयर्स का प्रायोगिक अभ्यास करवाया डाॅ. सिन्दे ने कृतिम पद्धति से विकसित किए गए नवीनतम् जीवाणुओं के विषय में विस्तृत जानकारी दी एवं प्रयोगशाला सत्र् के दौरान जैव सूचना विज्ञान की आधुनिक तकनीकियों का अभ्यास करवाया।राष्ट्रीय जेनेटिक इंजीनियरिंग एवं बाॅयोटेक शोध संस्थान, नई दिल्ली के डाॅ. पवन जूटूर ने इंटीग्रेटेड ओमिक्स मेटाबोलिक इंजीनियरिंग एलगल बाॅयोटेक एवं बाॅयो फ्यूल के क्षेत्र में उपयोग की जाने वाली विभिन्न तकनीकियों के सन्दर्भ में व्याख्यान प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के पारम्परिक विज्ञान प्राध्ययन केन्द्र के प्रमुख स्वामी भूमानन्द सरस्वती ने आर्युजिनोम के सन्दर्भ में अपने विचार व्यक्त किए। राष्ट्रीय कार्यशाला में विंध्य क्षेत्र के शैक्षणिक संस्थानों एवं शोध प्रयोशालाओं से आए हुए वैज्ञानिकों, प्राध्यापकों एवं छात्र-छात्राओं ने सक्रिय सहभागिता दर्ज कराते हुए जीनोमिक्स एवं बाॅयोइन्फार्मेटिक्स से जुड़े हुए महत्वपूर्ण तथ्यों एवं मालीक्यूलर बाॅयोलाॅजी के उपकरणों एवं तकनीकियों का प्रायोगिक ज्ञान आर्जित किया।