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हमारे पूर्वजों की धरोहर,इन्हें बचाऐं-सात्विक बिसारिया-रावे समन्यवयक एकेएसयू
सतना। एकेएस विश्वविद्यालय के बी.एस.सी. एग्रीकल्चर सांतवे सेेमेस्टर की छात्राओं के रावे के तहत जिले के विभिन्न अंचलो में जाकर किसानो से पर्यावरण संबंधी जानकारियां साझा की और विगत वर्षो की भॅाति सन 2017 में भी रावे कार्य को प्राकृतिक संतुलन एवं विकास के साथ जोडकर कार्य करने की योजना पर कार्य कर रही हैं। इसी कड़ी में एकेएस विश्वविद्यालय की रावे छात्राओं ने बचवई और देवरा आदि गांवों में सैकड़ो पौधे रोपे। पौध रोपण के कार्यक्रम में मुख्य रूप से रावे के समन्वयक सात्विक बिसारिया और ग्रामो के संरपंच उपस्थित रहे। इस दौरान छात्रों ने उपस्थित ग्रामीणो को पौधो का मानवीय मूल्येंा के र्साथ रिश्ते के साथ प्राकृतिक संतुलन में महत्व पर प्रकाश डाला और रोपे गये विविध पौधो को संरक्षित रखने के लिए संकल्प भी करवाया। कार्यक्रम मे प्रो. बिसारिया ने कहा कि इस वर्ष प्रकृति का असंतुलन हमने नजदीक से देखा जिसकी वजह से हम परेशान हो रहे हैं प्रकृति से हम उतना ही लें जिसकी भरपाई वह कर सके जो विश्व एक संुदर उपवन होगा और हमारी निकटता भी प्रकृति से बढेगी। प्रकृति के संतुलन के लिए हमें समीचीन व्यवहार करना होगा। उन्होंने कहा कि एकेएस विश्वविद्यालय अपने सामाजिक दायित्वों के प्रति पूरी तरह तत्पर है और इस वर्ष लाखो पौधे रोपे जाने का संकल्प विश्वविद्यालय ने लिया हैं जिसे विभिन्न गाॅवों मे जाकर पूर्ण करने का लक्ष्य है। इस मौके पर सात्विक बिसारिया के साथ फैकल्टी संतोष कुमार की भूमिका उल्लेखनीय रही।