b2ap3_thumbnail_kesshav.jpgb2ap3_thumbnail_keshav-anand.jpgb2ap3_thumbnail_vyakhyan-1.JPG

एकेएस विश्वविद्यालय मं डाॅ. केशव आनन्द जी का वर्चुअल व्याख्यान
आध्यात्मिकता से ओतप्रोत एक नई यात्रा का लिया अगाध आनंद
सतना। यदा यदा हि धर्मष्य, ग्लानिर्भवति भारत, अभ्युथ्थानम अधर्मष्य संभवामि युगे-युगे, भगवतगीता के ये श्लोक अधर्म पर धर्म विजय के प्रतीक है। एकेएस विश्वविद्यालय सतना के सभागार में डाॅ. केशव आनन्द दास जी, इस्काॅन,पंजाब ने साइंस आॅफ भगवद् गीता पर रुचिकर व्याख्यान दिया। उन्होंने अर्जुन की युद्व दुविधा पर भगवान श्रीकृष्ण के कहे भगवद् गीता की प्रासंगिकता और समय के साथ भगवत गीता विज्ञान की जरुरत पर व्याख्यान दिया उन्होंने व्याख्यान का उपस्थित जनों के लिए श्रीकृष्ण भावनामृत और आध्यात्मिकता से ओतप्रोत एक नई यात्रा का आनन्द निरुपित किया। उल्ल्ेाखनीय है कि डाॅ. केशव आनन्द जी ने दिल्ली एम्स में 25 वर्ष अपनी सेवाएं दीं और अब उनका पूरा जीवन वैदिक ज्ञान के प्रचार प्रसार के लिये समर्पित है। उन्होंने संवाद करते हुए बताया कि वैदिक जीवन पद्धति और गीता के माध्यम से विज्ञान के आधार पर मनुष्य जीवन के कई अनसुलझे प्रश्नों के उत्तर प्राप्त कर जीवन को संतुष्ट और आनन्दमय बनाया जा सकता हैं। डाॅ. आनन्द ने व्याख्यान मे भारतीय संस्कृति में गीता का स्थान सर्वोच्च निरुपित किया। उन्होंने कहा कि धरती पर शायद ही ऐसा कोई स्थान हो जो गीता के प्रभाव से मुक्त हो। गीता को धर्म आध्यात्म समझाने वाला अमूल्य काव्य कहा जा सकता है। गीता रूपी ज्ञान गंगोत्री में स्नान कर अज्ञानी सद्ज्ञान को प्राप्त करता है। गीता को माँ भी कहा गया है, यह इसलिये कि जिस प्रकार माँ अपने बच्चों को प्यार-दुलार देती है और सुधार करते हुए महानता के शिखर पर आरूढ़ होने का रास्ता दिखाती है, इसी प्रकार गीता आलौकिक ज्ञान प्रकाश और अपरिमित आनन्द देने वाली ज्ञानगंगा है। गीता का जितना स्वाध्याय किया जाय उतना गीतामृत हमें मिलता है। गीता हमेंशा हमें सही रास्ता दिखाती है, हर कष्ट हर दुःख के निवारण के लिये गीता की शरण में जाया जा सकता है। गीता न कोई शास्त्र है न कोई ग्रंथ है वह तो सबको छाया देने वाली ज्ञान का प्रकाश देने वाली माता है। डाॅ. केशव आनन्द जी ने सभागार को सम्बोधित करते हुए स्टूडेंट्स की लाइफ मंे गीता के अनेक महत्व रेखांकित किये स्टूडेन्टस तनाव प्रबंधन, टाइम मैनेजमेंट और खुशी के मीटर को बढाकर गीता के माध्यम से सफलता पूर्वक जीवन प्रबंधन कर सकते हैं। व्याख्यान कर्ता डाॅ. केशव आनन्द दास जी जो वैदिक रिवाइवल रिसर्च सेंटर बोस्टर्न यूएसए के डायरेक्टर है और उन्होंने एमआईटी और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और अंतर्राष्ट्रीय कार्पोरेट संस्थानों गूगल और एप्पल में भी अपने ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिए है। व्याख्यान के दौरान सभागार में विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर अनंत कुमार सोनी, प्रति कुलपति डाॅ. हर्षवर्धन, डाॅ. आर.एस. त्रिपाठी,डाॅ.आर.एन.त्रिपाठी,इंजी.आर.के.श्रीवास्तव,प्रो.जी.पी.रिछारिया,प्रो.जी.सी.मिश्रा के साथ एकेएस विश्वविद्यालय परिवार के सदस्य उपस्थित रहे कार्यक्रम के अंत में उपस्थित जनों के सवालों के जवाब भी डाॅ.केशव आनंद जी ने दिए।