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एकेएस वि.वि. में नदी को जोडो अभियान के तहत कार्यक्रम
जल,जीवन एवं पर्यावरण का संरक्षण अहम- समर्थ सदगुरु भयाजी
सतना। एकेएस वि.वि. सतना के प्रासार में राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में नदी को जोडो अभियान के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि श्री समर्थ सदगुरु भयाजी सरकार ने कहा कि नदी को जोडा अभियान पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी की दूरदर्शिता का सबूत है हमें इसे जल क्रान्ति के लिए आगे बढाना है। युवाओं की टोली जब कोई काम ठान लेती है तो वह एक बडे मुकाम तक पहुॅचती है आप सब भ इससे जुडें। जल, जंगल और जमीन का पर्यावरण में बडा महत्व है स्थानीय नदियों के संरक्षण के साथ ही उनकी सफाई का ध्यान रखना चाहिए उन्होंने उनकी अगुवाई में किए जा रहे परिमार्जित कार्यो का खाका अल्प समय में दिया और भविष्य की नदियों को जेाडनें से बनने वाली सुंदर कल्पना का खाका भी खींचा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वि.वि. के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी ने आहवान किया कि सर्वागीण विकास के लिए पल प्रबंधन अहम है। हमारी संस्कृति में नदियों को देवी माना गया है जैसे गंगा,यमुना,सरस्वती,केन,बेतवा जो भारतीय संस्कृति की पहचान है हमें इनकी पवित्रता के साथ जीवनदायी श्रोतो को भी जीवित रखने की दिशा में प्रयास करना होगा तभी हम अगली पीढी को अपनी सच्ची धरोहर सौप पाऐंगें। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डाॅ.गजेन्द्र सिंह,नागेश,एडि.कमिश्नर,अर्बन एडमिनिस्ट्रेशन भोपाल ने इस मौके पर कहा श्री जल प्रबंधन से प्रगति भी होगी और प्यास भी बुझेगी। उन्होंने बताया कि समर्थ सदगुरु भयाजी सरकार की पूरा जीवन नदी को जोडो अभियान पर क्रियाशील है। डाॅ सिह ने वर्तमान में प्रशासनिक स्तर पर और स्थानीय स्तर पर किए जा रहे प्रयासो का उल्लेख किया और बताया कि नदी जोडो अभियान के लिए सरकार और प्रशासन से भी निरंतर चर्चा होती है स्वयंसेवी संस्थाऐं भी अच्छा कार्य कर रही हैं। कार्यक्रम में वि.वि. के प्रतिकुलपति डाॅ.हर्षवर्धन ने अतिथियों का अल्फाजों से स्वागत किया और बताया कि सर आर्थर थाॅमस एक ब्रिटिश सिंचाई इंजी.थे उन्होंने यह विचार 1858 में दिया था उन्होंने समर्थ सदगुरु भयाजी सरकार के कार्यो की भूरि भूरि प्रशंसा की। प्रो.आर.एस.त्रिपाठी ने मंच सं अपने अनुभव सभागार से साझा किए। विशिष्ट अतिथि चंदन अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में नदी को जोडो अभियान में समाज की सोच रेखांकित की। सभागार में कार्यक्रम का शुभारंभ माॅ वीणपाणि की अर्चना अक्षत के चावल, पूजा के पुष्ष्पों, सुगन्धित पत्रकों पल्लिकाओं के साथ धूप दीप करते हुए स्वर आराधना के साथ की गई।सर्वे भवन्तु सुखिनः की माॅ से अनुकम्पा करते हुए कार्यक्रम अगले पडाव की तरफ बढा जिसे डाॅ.दीपक मिश्रा ने संपन्न किया। कार्यक्रम में अतिथियों को पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया और कार्यक्रम का मोमेन्टो ंभी प्रदान किया गया।