b2ap3_thumbnail_IMG_20210331_130304.jpgb2ap3_thumbnail_IMG_20210331_130257.jpgb2ap3_thumbnail_IMG_20210331_121706.jpgb2ap3_thumbnail_IMG_20210331_121143.jpg

भारत की आजादी की 75वें वर्ष के पूर्व का स्वदेशी विज्ञान महोत्सव एवं विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को स्थापित करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश विज्ञान सम्मेलन एवं प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत समूचे मध्यप्रदेश में विज्ञान यात्रा शैक्षणिक संस्थाओं में जाकर वैज्ञानिक उपलब्धियों से अवगत करा रहा है। विज्ञान यात्रा का आयोजन विज्ञान भारती, म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् भोपाल एवं आई.टी.आई. इंदौर के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है।
यह विज्ञान यात्रा ए.के.एस. विश्वविद्यालय में पहुँची जहाँ भव्य स्वागत किया गया। विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में प्रोचांसलर इंजी. अनंत सोनी, विज्ञान संकाय के डीन डाॅ. जी.पी. रिछारिया, पर्यावरण विज्ञान के विभागाध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र तिवारी, डाॅ. कमलेश चैरे, डाॅ. अखिलेश ए. वाऊ, भूपेन्द्र सिंह, डाॅ. अश्विनी वाऊ, धीरेन्द्र, साइंस कम्युनिकेटर श्री राजेन्द्र सिंह, कोआर्डिनेटर सुनील सिंह, तकनीकि सदस्य देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर से अंश जैन, मिहिर जोशी, अक्षय दशौरा एवं शैक्षणिक स्टाॅफ तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित रहे।
ए.के.एस. विश्वविद्यालय के प्रोचांसलर अनंत सोनी ने विज्ञान यात्रा को ऐतिहासिक कदम बताते हुए विज्ञान के चमत्कार पर विस्तार से प्रकाश डाला। पर्यावरण विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र कुमार तिवारी ने विज्ञान यात्रा के इस विशाल आयोजन पर शानस को बधाई देते हुए कहा कि इससे विश्वविद्यालयीन छात्र-छात्राओं एवं शाधार्थियों को शोध के मार्ग प्रशस्त होंगे जो आगामी समय में भारत के लिए मील का पत्थर साबित होंगे। डीन डाॅ. जी.पी. रिछारिया ने विज्ञान के महत्व एवं योगदान पर प्रकाश डाला।
भोपाल से आये साइंस कम्यूनिकेटर श्री राजेन्द्र सिंह ने इस विज्ञान यात्रा के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आयोजन संस्थायें विज्ञान के क्षेत्र में अविस्मरणीय कार्य एवं बच्चों में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा जागृत कर रही हैं। उन्होंने बताया कि म.प्र. विज्ञान सम्मेलन एवं प्रदर्शनी का भव्य आयोजन मई 11 से 13 तक आई.टी.आई. इन्दौर में किया जा रहा है जहाँ पर विज्ञान प्रदर्शनी, शोध, तकनीक, पारम्परिक विशेष ज्ञान प्रदर्शित करने का मौका विद्यार्थियों को मिलेगा। श्री राजेन्द्र सिंह ने विज्ञान यात्रा में लगे विशेष उपकरणों से छात्र-छात्राओं का परिचय कराया जिसमें गति के नियम, ए.डी. करेंट, विभवान्तर, भाप का इंजन, टेस्ला कुंडली, स्टोवोस्कोप रोचक रहे। वहीं कुछ प्रयोगों को करके भी बताया जिसे विद्यार्थियों ने बहुत सराहा। विश्वविद्यालय परिवार की ओर से आये हुए अतिथियों को शाॅल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डाॅ. महेन्द्र कुमार तिवारी ने करते हुए कहा कि अंधविश्वास हटायें वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनायें एवं राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दें।