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एकेएस वि.वि. सतना के मैनेजमेंट विभागाध्यक्ष डाॅ.कौशिक मुखर्जी ने एपीडा,भारत सरकार,डीआईसी,म.प्र.सरकार और एमएसएमई द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अपनी सहभागिता दी और अपने विद्वतापूर्ण व्याख्यान से सबको प्रभावित किया। उन्होने निर्यात संवर्धन पर व्याख्यान देते हुए कहा कि म.प्र. में अभूतपूर्व संभावनाऐं प्रचुर मात्रा में उपस्थित हैं जरुरत है इनकी सही पहचान और उनका दोहन करने की। उन्होने बताया कि पहले हमें अधिशेष की पहचान करनी होगी फिर बिक्री क लिए योजना बनाने की जरुरत है,दूसरा धरेलू संसाधनों का अधिकतम इस्तेमाल जरुरी है। तीसरा रोजगार क अवसर बढे तो ज्यादा बेहतर कार्य प्राप्त किया जा सकता है। विदेशी मुद्रा की कमाई और अंत में राष्ट्रीय आय में वृद्वि जिससे नए और आने वाले निर्यातकों को भी फायदा हो। कार्यक्रम में उपस्थित अन्य युवा निर्यातको ने अपने क्षेत्र के अनुभव शामिल करते हुए अपनी राय रखी जिससे नए उद्यमियों का मार्ग भी प्रशस्त हुआ। कार्यशाला का मुख्य उद्येष्य निरुपित करते हुए डाॅ.मुखर्जी ने कहा कि इसका मूल था अधिकतम विदेशी मुद्रा अर्जित करना और घरेलू उत्पादनों को बढावा देना। कार्यक्रम में डाॅ.मुखर्जी ने उपस्थित जनों के सवालों के तारतम्य में सरल,सहज और त्रृटिहीन जवाब भी दिए। जिसे काफी सराहना मिली।