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सरस्वती आराधना की आध्यात्मिक लौ, वैदिक मंत्रोच्चारों के बाद देवार्चन और फिर अतिथि परिचय के प्श्चात एकेएस वि.वि. सतना के department of pharmacy में international and guest lecture सिरीज के तहत expert दो guest lecture का आयोजन किया गया जिसमें यूनियन आयुर्वेदा योगा के डाॅ. सत्यम त्रिपाठी ने ‘Respiratory disorders and Impact on कोविड-19 on current  सिनेरियो including Post  covid stitution पर जानकारी देते हुए बताया कि सामान्यतः फेफडे और श्वशन तंत्र के साथ ही कोविड -19 के संक्रमण से समस्या आती है। जिसमें ब्रोंकाइटिस सूज जाती है और उसमें जलन होती है, इसमें म्यूकश का निर्माण भी अधिक होता है जिससे कफ बनता है। ब्रोंकाइटिश दो प्रकार का होता है एक्यूट और क्रोनिक, एक्यूट दो से तीन सप्ताह में ठीक हो जाता है जबकि क्रोनिक लम्बे समय तक रहता है। निमोनिया से दोनों फेफड़ों में एयर सेक सूज जाते हैं, इसमें पस भर सकता है इससे इम्यून सिस्टम कमजोर होता है जबकि लेरिंजाइटिस में भोजन और तरल पदार्थ फेफड़े में जाने से रुकते हैं, काॅमन कोल्ड नाक और गले का संक्रमण होता है जो 7 से 10 दिनों में ठीक होता है,गले की खरास वायरस के संक्रमण के कारण होती है इसे फेरिनजाइटिस कहते हैं। बदलते मौसम में श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारियां जोर पकड़ने लगती हैं इससे बचने के लिये हमें खान-पान से लेकर सफाई तक का ध्यान रखना पड़ता है। उन्होंने कोविड-19 के अतीत के स्वरूप से लेकर वर्तमान के सभी प्रकारों मसलन कोविड,डेल्टा से ओमिक्रान तक के इफेक्ट पर प्रकाश डाला। इनके कारण,निवारण और उपचार के तरीके भी उन्होने बताए। गेस्ट लेक्चर के दूसरे व्याख्यान में Role of Yoga थेरेपी इन डायबिटीज मैलाइटिस दो के बारे में डाॅ. अमित सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर स्वामी विवेकानन्द योगा अनुसंधान समसंस्थान, बैगलुरू ने अहम जानकारियां दीं। उन्होंने कहा कि योग हमारी प्राचीन पद्धति है, योग करते समय ये ध्यान रखना है कि कौन सी स्वास्थ्यगत समस्या है जिससे निजात पानी है। योग में महत्वपूर्ण रूप से प्राणायाम जिसे ब्रीदिंग एक्सरसाइज कहते हैं, आसन जिसे फिजिकल पाॅस्चर कहते हैं, Meditation जिसमें Relaxion और माइंड फुलनेस शामिल है। योग के माध्यम से न सिर्फ डायबिटीज बल्कि अन्य कई रोगों में भी असरकारक परिणाम हासिल किये जा सकते हैं। उन्होने कहा कि कुछ योगा भी कई रोगों में वर्जित हैं इन्हें किसी योग्य योग शिक्षक के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के वरिष्ठजन उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत के पलों में दोनों व्याख्यान कर्ताओं को शाल, श्रीफल और मोंमेंन्टों देकर सम्मनित किया गया। इस मौके पर एकेएस वि.वि. के प्रो. चांसलर अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति प्रो.आर.एस.त्रिपाठी,प्रो.रमेश चंद्र त्रिपाठी, department of forestry,प्रो.जी.सी.मिश्रा, विभागाध्यक्ष फार्मेसी डाॅ. सूर्यप्रकाश गुप्ता की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।